सूरत का चहुंमुखी विकास मेरी प्राथमिकता -- मुकेशभाई दलाल

सूरत के प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी मुकेशभाई दलाल ने संसदीय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप मे निर्विरोध जीत हासिल की है । संसदीय चुनाव में यह पहला चुनाव परिणाम था ।
श्री दलाल पिछले 43 वर्ष से कार्यकर्ता के रूप में भाजपा संगठन से जुड़े रहें हैं इस दौरान उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न वर्गों के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं । वे दो वर्ष 2021 से 23 तक , सूरत पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं ।
हमारी संवाददाता वंदना विश्वकर्मा ने संसदीय चुनाव से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर उनसे विस्तारपूर्वक चर्चा की ।



प्रश्न -- आपके निर्विरोध सांसद चुने जाने पर इस तरह के दुष्प्रचार हुए हैं कि "विपक्षी उम्मीदवार पर चुनाव से हटने के लिए दबाव डाला गया" । इस पर आप क्या कहना चाहते हैं? 

उत्तर - ऐसी बात नहीं है , मैंने चुनाव की पूरी तैयारी की थी और जनता से संपर्क करने के लिए यात्राएं भी की थीं , मुझे जीतने की पूरी उम्मीद थी । वास्तविक बात यह है कि यहां की जनता कांग्रेस से भड़की हुई थी क्योंकि राहुल गांधी ने 5 साल पहले अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय को गाली दी थी जिससे यहां के लोग नाराज थे । विपक्षी उम्मीदवार को यह पता चल गया कि उसकी जमानत जब्त हो जायेगी । इसलिए उसने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया । जिस समय मुझे यह बात पता चली उस समय मैं रैली में था, दोपहर तीन बजे पता चला कि मैं निर्विरोध चुन लिया गया हूं ।

प्रश्न - आप पहली बार सांसद बने हैं । सूरत के निवासियों के लिए आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं ? 

उत्तर - सूरत में विकास की कई परियोजनाएं चल रही हैं जिनको तेज गति से निर्धारित समय में पूरा करना है । इन पर मेरा पूरा ध्यान होगा , ताकि समय सीमा के भीतर सारी परियोजनाएं पूरी हों और शहर के लोगों को परियोजनाओं का लाभ मिले ।
कपड़ा व्यवसाय और हीरा व्यवसाय जो यहां के विकास की रीढ़ है हमारा ध्यान उसको भी सुदृढ़ करने का है ।


प्रश्न - केंद्र में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत में नही आ सकी , उसकी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ मिली जुली सरकार बनी है क्या ऐसी स्थिति में सरकार चल पाएगी ? 

उत्तर - यह पहली बार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की सरकार चलाएगी , जब हम पूर्ण बहुमत में थे तब भी हम गठबंधन की सरकार चला चुके हैं । नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने पहले भी केंद्र की गठबंधन सरकार के साथ काम किया है ।

प्रश्न - उत्तर प्रदेश में सीट कम आने का क्या कारण रहा ?
कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें तवज्जो नहीं दी गई ।

उत्तर - इसकी उम्मीद तो नहीं थी लेकिन इसकी समीक्षा की जा रही है । और अगर कोई ऐसी बात है तो उस पर विचार किया जायेगा ।

प्रश्न - दक्षिण भारत में पार्टी ने पूरा जोर लगाया था फिर वहां सीट कम आने का क्या कारण रहा ? 
उत्तर - देखिए परिणाम आने में देर लगती है लेकिन इस बार वहां पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा है । केरल में भी पार्टी ने अपना खाता खोला है और आंध्र प्रदेश में तो एन डी ए की सरकार भी बन गई है ।

प्रश्न - उड़ीसा और अरुणाचल प्रदेश में तो भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली है लेकिन राजस्थान में पार्टी अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाई ?
उत्तर - राजस्थान में हमारी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आ सका । हम उन कारणों की समीक्षा कर रहे हैं ।

प्रश्न - पंजाब में भी प्रदर्शन ठीक नहीं रहा । पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें तवज्जो नहीं दी गई और नए लोगों को उम्मीदवार बना दिया गया ।

उत्तर - भारतीय जनता पार्टी पहली बार अपने दम पर पंजाब में चुनाव लड़ी है और उसने एक सीट पर जीत भी हासिल की है । भाजपा को पंजाब में 18 % मत मिले हैं ।
वंदना विश्वकर्मा - नई दिल्ली  लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं 

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