तानसेन सम्मान पं तरूण भटटाचार्य, पं राजा काले को, समारोह 15 से

ग्वालियर। इस वर्ष का प्रतिष्ठित तानसेन सम्मान संतूर वादन के लिये पंडित तरूण भटटाचार्य को दिया जायेगा। वहीं 2024 का तानसेन सम्मान पंडित राजा काले मुंबई को गायन के लिये मिलेगा। इसके साथ ही तानसेन समारोह 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री डा मोहन यादव एवं संस्कृति पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी की उपस्थिति में शुरू होगा। तानसेन समारोह 19 दिसंबर तक चलेगा और इसमें विभिन्न संगीत सभायें होंगी।
उक्त जानकारी आज तानसेन समारोह के आयोजक संस्कृति विभाग की ओर से उस्ताद अलाउददीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक प्रकाश सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने बताया कि तानसेन समारोह अपने स्वर्णिम 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है। इस वर्ष आयोजन का 101 वां वर्ष है। उन्होंने बताया कि तानसेन समारोह की संगीत सभायें तानसेन समाधि स्थल हजीरा पर आयोजित होंगी, वहीं तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर इंटक मैदान में गमक कार्यक्रम में सुविख्यात गायिका जसपिंदर नरूला का सूफी गायन होगा।
ठाकुर ने बताया कि तानसेन समारोह के 101 वें संस्करण में पदम पुरस्कार प्राप्त कलाकारों के साथ ही प्रतिष्ठित कलाकारों को प्रस्तुति के लिये आमंत्रित किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से पदमविभूषण अमजद अली खान अपने पुत्रों अमान - अयान अली बंगस के साथ पधार रहे है, सुविख्यात गायिका पदमश्री सुमित्रा गुहा, सितार वादक पदमश्री शिवनाथ - देवब्रत मिश्र, संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त सुश्री कलापिनी कोमकली , मध्यप्रदेश शासन का कुमार गंधर्व सम्मान 2005 से अलंकृत संजीव अभ्यंकर एवं राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से अलंकृत होने जा रहे पंडित तरूण भटटाचार्य एवं पंडित राजा काले की संगीत सभाएं सजेंगी। इसके साथ प्रतिभावान स्थानीय कलाकारों एवं युवा कलाकारों को भी तानसेन समारोह का मंच प्रदान किया जा रहा है। ताकि संगीत की यह परंपरा नई पीढी के माध्यम से भी दमकती रहे।
101 वें तानसेन संगीत समारोह में संगीत सभाओं के साथ साथ अनुषांगिक गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके तहत राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर में लोकप्रिय गतिविधि वादी संवादी का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 16 दिसंबर 2025 को दोपहर तीन बजे से धु्रपद शैलियां से परिवर्तित होती शैलियों का स्वरूप एवं उदभव विषय पर सुश्री मधु भटट तेंलंग , जयपुर का वक्तव्य होगा। वहीं 17 दिसंबर 2025 को 3 बजे से तानसेन की जीवन यात्रा विषय पर  राकेश शुक्ला दिल्ली का वक्तव्य होगा। 18 दिसंबर 25 को दोपहर तीन बजे से ताल के द्वारा रस की अनुभूति विषय पर पंडित डालचन्द्र शर्मा दिल्ली का वक्तव्य होगा।
इस मौके पर संस्कृति विभाग के उप संचालक अमित यादव ने बताया कि तानसेन की समाधि हजीरा ग्वालियर में 15 से 18 दिसंबर 25 को अनुषांगिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत तानसेन समारोह की प्रस्तुतियों पर एकाग्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा वरिष्ठ चित्रकारों द्वारा राग आधारित चित्रांकन सत्र, तानसेन समारोह का सजीव चित्रांकन किया जाएगा। इसमें आलोक भावसार भोपाल, नवनाथ क्षीरसागर पुणे, अरूण सुतार कोल्हापुर, कृष्णकुमार कुण्डारा जयपुर, रघुनाथ साहू भुवनेश्वर, श्रीमती दुर्गाबाई व्याम भोपाल, सुमित्रा अहलावत दिल्ली, निशिकांत पलान्दे मुंबई, मनदीप शर्मा उदयपुर, संदीप अहीर जालना महाराष्ट्र, शामिल है। इसके साथ ही ललितकला महाविद्यालयों के छात्र छात्रायें भी चित्रांकन करेंगे। और उनकी चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है।
पत्रकार वार्ता में उपनिदेशक शेखर परागकर, एवं अभिजीत सुखदाने आदि मौजूद थे।



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