माधव विधि महाविद्यालय एवं शोध केंद्र ग्वालियर में जेंडर डिस्क्रिमिनेशन पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित
ग्वालियर/
मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित माधव विधि महाविद्यालय एवं शोध
केंद्र ग्वालियर में "जेंडर डिस्क्रिमिनेशन एट होम एंड वर्कप्लेस" पर एक
दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. दीप्ति
गौड़, शिक्षिका शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ग्वालियर से
उपस्थित रही ऒर विद्यार्थियों को विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान देकर उनकी
जिज्ञासाओं का समाधान किया ।
मुख्य वक्ता ने कहा कि
लिंग संवेदनशीलता में स्त्री और पुरुष दोनों ही के व्यवहार को समाजोपयोगी
एवं सकारात्मक बनाना होता है जिसमें उसे अपने विकास में किसी विपरीत लिंग
के व्यक्ति द्वारा बाधा का अनुभव न हो । इस प्रकार लिंग संवेदनशीलता की
प्रक्रिया दोनों पक्षों पर समान रूप से लागू होती है।
जेंडर
डिस्क्रिमिनेशन की विकृति समाज की देन है और इस विकृति का निदान समाज में
ही है। समाज के द्वारा ही घरों में या घरों से बाहर किए जाने वाले कार्यों
को जेंडर के आधार पर बांटा गया है । यहां तक की बच्चों के पालन पोषण में
भी हमें यह विकृति दिखाई देती है। मुख्य वक्ता ने बताया कि इस विकृति का
उपचार समाज में ही उपस्थित है। लड़के और लड़कियों का लालन-पालन एक समान रूप
से होना चाहिए ताकि प्रारंभ से ही इस विकृति का बीज समाज में ना पनप पाए।
इसके साथ ही घर के बाहर व कार्यस्थल से जेंडर डिस्क्रिमिनेशन समाप्त करने
हेतु सामाजिक चेतना व जागरूकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । उन्हें
महाविद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीति पांडे ने
की । इस अवसर पर समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।
सेमिनार का संचालन डॉ. समिधा सिंह तोमर ने किया।