(विनय अग्रवाल)
ग्वालियर/भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह अबकी बार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वह संभवतः ग्रामीण से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि वह चार बार लोकसभा चुनाव लड़े है और चारों बार उन्हें हार का सामना भाजपा प्रत्याशियों से करना पड़ा था। इसलिये उनके शुभचिंतक मित्रों ने उन्हें सलाह दी है कि वह लोकसभा चुनाव में हार का दाग मिटाने के लिये विधानसभा चुनाव लड़े, ताकि उनकी जीत की शुरूआत हो सकें और हार का ग्रहण हट सकें।
सूत्रों के मुताबिक हालांकि पहले अशोक सिंह विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे वह लोकसभा चुनाव ही लड़ना चाहते थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने उन्हें इस बात के लिये राजी कर लिया है कि वह लोकसभा की जगह फिलहाल ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा लड़े और कांग्रेस के संख्या बल में सहयोग दें। हालांकि कमलनाथ व दिग्विजय सिंह ने उन्हें यह भी कहा है कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद उन्हें फिर से उनकी इच्छा पर पार्टी लोकसभा भी लड़वा देगी।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह व अन्य कांग्रेस नेताओं से हरी झंडी के बाद अशोक सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है वह लगातार कांग्रेस व अंचल के लोगों के साथ सक्रिय हैं। उन्होंने अपने निवास क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी अघोषित चुनाव कार्यालय भी खोल दिये हैं। जहां कार्यकर्ताओं व आम जनता से मेल मुलाकात के दौर जारी हैं। बीते दिवस अजय सिंह राहुल भैया ने भी उनके निवास पहुंचकर टिप्स दिये और सभी कांग्रेसियों से एकजुट हो जाने का आग्रह किया।
यहां बता दें कि अशोक सिंह के भाग्य में अभी तक लोकसभा जीत नहीं लिखी थी। इसी कारण वह चार लोकसभा चुनाव में पराजय देख चुके हैं। अब वह अपनी हार का ग्रहण हटाने के लिये विधानसभा चुनाव 2023 से नई पारी की शुरूआत करेंगे। वह 2007, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव लड़कर पराजित हो चुके हैं।
हां, मेरी विधानसभा की तैयारी पूरीः अशोक सिंह
कांग्रेस नेता अशोक सिंह ने स्पष्ट कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान के कहने पर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे और उनकी चुनावी तैयारियां शुरू भी हो गई हैं। मुझे कार्यकर्ताओं व आम जनता का अपार स्नेह भी मिल रहा है।