(विनय अग्रवाल)
ग्वालियर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कमल सिंह का बाग स्थित निवास पर ढाई साल बंद रहा कम्प्यूटर सेंटर फिर से शुरू हो गया हैं। भारतीय विद्या भवन मुम्बई से चल रहा विवाद अंततः पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा की पहल के बाद सुलझा लिया गया हैं। अब यहां बच्चे व छात्र-छात्रायें नियमित आकर विभिन्न कोर्सों में प्रवेश लेकर कम्प्यूटर तकनीक से लाभान्वित हो रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कमल सिंह का बाग शिंदे की छावनी स्थित पैतृक निवास में अपने पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी की स्मृति में भारतीय विद्या भवन से तालमेल कर कम्प्यूटर एज्युकेशन व इन्फोरमेशन सेंटर खुलवा दिया था और यहां पिता के नाम पर एक न्यास भी बनवा दिया था, ताकि पिता के नाम पर यह कम्प्यूटर सेंटर चलता रहे। यह 1995 में उन्होंने स्वयं अपनी उपस्थिति में शुरू कराया था। आज यह सेंटर अभी तक 60-70 हजार बच्चों को कम्प्यूटर ज्ञान दे चुका है, जो विभिन्न शासकीय या निजी विभागों में कार्यरत हैं और कुछ स्वयं रोजगार भी कर रहे हैं।
बीते कोविड-19 के कहर में यह सेंटर अचानक बंद हो गया था और इसमे प्रवेश लिये हुये छात्र-छात्रायें प्रमाणपत्र के लिये दो-ढाई वर्ष से भटक रहे थे। मप्र के पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा जो पूर्व प्रधानमंत्री के भांजे भी हैं कि पहल पर यह सेंटर पुनः मई 2023 से शुरू हो गया है। अब इसमे भारतीय विद्या भवन द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के लिये रोजगारोन्मुखी निःशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान कर रही है। जिसमे आफिस असिस्टेंट, डीटीपी, टेली, सीपीसीटी का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा हैं।
कृष्ण बिहारी वाजपेयी ट्रस्ट के बैनर तले गांधी इंस्टीटयूट आफ कम्प्यूटर एज्युकेशन सेंटर की प्रबंधक ज्योति पांडे, रीना सक्सैना बताती है कि मई 2023 से अब तक 95 छात्र-छात्रायें कम्प्यूटर सीखने के लिये प्रवेश ले चुके हैं। इसमे एक हजार बच्चों तक को प्रवेश देने की योजना है। कम्प्यूटर शिक्षा पूरी तरह निःशुल्क है और विभिन्न बैचों में योग्य प्रशिक्षकों द्वारा बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा दी जा रही है। इसमे सीपीसीटी का तीन माह का प्रशिक्षण भी अभी नया शुरू किया गया है, जो मप्र की सेवाओं के लिये जरूरी हो गया है।
इनका कहना है
"भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक निवास कमल सिंह का बाग शिंदे की छावनी पर चलने वाला सेंटर कम्प्यूटर शिक्षा के लिये फिर से निःशुल्क शुरू कर दिया गया हैं। इसमें समाज के कमजोर वर्ग सहित सभी कम्प्यूटर शिक्षा के इच्छुक प्रवेश ले सकते हैं।"
अनूप मिश्रा
पूर्व मंत्री व संचालक
गांधी इंस्टीटयूट आफ कम्प्यूटर एज्युकेशन