ग्वालियर। नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित संस्था सेंटर फॉर एग्री बिजनेस सी.ए.आई.ई. एग्रीबिजनेस कार्निवाल एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा आयोजित कार्निवाल के तीसरे दिन वूमेन इन्टरप्रेन्योरशिप दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सीएआईई की तृप्ति प्रधान ने कविता ‘‘इंसान की मेहनत और हुनर का कोई मोहताज नहीं होता‘‘ के द्वारा बताया की आपकी मेहनत ही आपको सफल बनाती है। सी.ए.आई.ई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदित्य सिंह द्वारा 15 दिवसीय कार्निवाल 2023 एवं सीएआईई की आज की गतिविधियो के बारे मंे विस्तृत जानकारी दी।
कार्निवाल में पधारी महिलाओं ने आज के वर्तमान युग स्वरोजगार एवं स्टार्टअप, एफपीओं, एनजीओं, कृषि व्यवसाय में महिलाओं की बढ़ती हुयी भुमिका एवं महिला सशक्ति करण के मुददो पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम में उपस्थित लेखानियंत्रक एवं कुलसचिव अनिल सक्सेना के द्वारा महिला उद्यमियों की सराहना की गयी। विभिन्न महिला उद्यमियों द्वारा अपने विचार साझा किए गये। श्रीमती सुषमा चड्ढा के द्वारा अपने संघर्षमय जीवन को ’’सीता नहीं बनूगी अपनी पवित्रता का प्रमाण पत्र नहीं दूगी। वो क्या मुझे छोड़ेगा में ही उसे छोड़ दूगी’’ कविता में व्यक्त करते हुए कहा कि आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है, आज की महिलायें आदिशक्ति है वह महिला सशक्तिकरण से लोगों का परिचित करायें। स्वयं सिद्वा एसएचजी ग्रुप की सफल उद्यमी श्रीमती महिमा तारे ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सम्पन्न होना पडेगा जिसके लिये महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण में मजबूत होकर रिस्क लेकर आगे बढ़ाना होगा, तभी महिलाओं स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ेगी।
गोहद क्राप प्रोड्यूसर कम्पनीं से महिला उद्यमी श्रीमती बाली सिंह ने उनके द्वारा बटन मशरूम के उत्पादन को लेकर एवं उससे बनने वाले अचार, उनके द्वारा बनाये गये 11 प्रोजेक्ट के बारे में बताया साथ ही बताया कि वे ऑनलाइन बटन मशरूम का प्रशिक्षण देकर महिला स्वरोजगार की भूमिका मे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। सत्यनारायण मानव विकास सेवा, समिति से श्रीमति प्रतिभा नारायण झा के द्वारा 20 साल से क्लाइमेंट चेंज पर काम किया जा रहा है। उनके द्वारा ‘‘बर्तन बैंक और थैला बैंक‘‘ को बढाने के विषय पर एवं ग्रीन ग्वालियर थीम पर चर्चा की। डॉ. अनुराधा गोयल व डाॅ. प्रियदर्शनी एसी. प्रोफेसर ने कहा कि ग्रहणियों को अपने जीवन में निरंतर समझौता करना पड़ता है। आज की युग महिला सशक्तिकरण का युग है। उन्होंने कहा कि हम महिलाओं से कहना चाहेंगे कि वह शिक्षित होकर आत्मनिर्भरता के साथ काम करें।
वेष्णो भूमि आजीविका मिशन से श्रीमती भरती ने महिला उघमिता की समस्याओं पर प्रकाष डालते हुये विस्तृत विवरण दिया।पूनम कला एवं लोक कल्याण समिति से श्रीमती राधा गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाकार स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने व उन्हें अपने अधिकारो से अवगत कराने एवं प्रशिक्षण देने के विषय पर चर्चा की। श्रीमती मोनिका शर्मा वीआईएसएम ग्वालियर ने हाइड्रोपॉनिक्स विषय चर्चा करते हुये कहा कि ब्रम्ही एवं अश्वगंधा के प्लांट इन हाउस लगाकर महिलायें स्वरोजगार प्राप्त कर सकती है। कार्यक्रम का समापन संस्थान की तृप्ति प्रधान ने अपनी कविता ’’करूणा की सागर से घर बनाती अभला नही हूॅ तुम नारी इस बात का अभिमान करों’’ से किया।