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Sandhyadesh

ताका-झांकी

हां मैं कर सकता हूं से युवाओं में जगाया जोश, डाॅ. प्रशांत त्रिपाठी ने

07-Feb-23 45
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ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अंतर्गत नाहेप परियोजना द्वारा ‘‘हां, मैं कर सकता हूं’’ पर डाॅ. प्रशांत त्रिपाठी द्वारा प्रेरक व्याख्यान दंतोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित किया गया।
व्याख्यान के प्रारंभ में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ए. के. शुक्ला ने डाॅ. प्रशांत त्रिपाठी के परिचय में कहा कि यह ऐसे व्यक्ति है जो गुणवान या गुणहीन सभी व्यक्तियों से प्रेम करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर व्यक्ति अपने लिए जीता है, जब वह दूसरों के लिए अपना जीवन समर्पित करेगा, तभी उसे सफल कहा जायेगा। उन्होंने वक्तव्य की सफलता के लिये सभी को शुभकामनाएं दी।   
डाॅ. प्रशांत त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में कहा कि अगर हम चाहें तो हम इस देश को विश्व का नंबर वन बना सकते है। हमारे देष का युवा जो छोटे-छोटे सपने देखता है, पर वह कभी-कभी उन्हें सार्थक करने में पीछे रह जाते हैं। यदि वह अपनी सकारात्मक सोच रखे तो वह अपने किसी भी स्वप्न को पूरा कर सकता है। डाॅ. त्रिपाठी ने कहा कि हमें हमारी भाषा एवं देश पर गर्व होना चाहिए जो दिल को दिल से जोड़ती है
 निदेशक अनुसंधान सेवायें डाॅ. संजय शर्मा ने यह जानकारी दी कि डॉ. प्रशांत त्रिपाठी मध्य भारत की सबसे बड़ी डेन्टल हाॅस्पिटल की शाखा डेनेसिया सुपर स्पेषलिटी डेन्टल हाॅस्पिटल के सी.ई.ओ. है। वे प्रेरक वक्ता, दंत चिकित्सक व सफल अभिनेता होने के साथ-साथ उन्होंने अपने जीवन में कई पुरुस्कारों को प्राप्त किया है। विविध क्षेत्रों में कामयाबी हासिल कर वे अपनी सफलता की कहानी के साथ यहां उपस्थित है।
 कार्यक्रम में डाॅ. त्रिपाठी के परिवारजन, अधिष्ठाता कृषि संकाय डाॅ. दीपक हरि रानड़े, लेखानियंत्रक एवं रजिस्ट्रार अनिल सक्सेना, निदेशक विस्तार सेवायें डाॅ. वाय.पी. सिंह, निदेशक शिक्षण डाॅ. एस.पी.एस. तोमर, कृषि महाविद्यालय, ग्वालियर अधिष्ठाता डाॅ. एस. एस. तोमर, राष्ट्रीय किक्रेट अकादमी के कैप्टन एवं समस्त कर्मचारीगण छात्र-छात्रायें भी मौजूद रहे।


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