सावधान: डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नही,ये फ्राड काल होता है


  - राकेश शिवहरे - 
 आधुनिक युग जितना विज्ञान और भारत प्रगति कर रहा है उतना ही उपभोक्ताओं के साथ  फ्राड और  चीटिंग करने वाले तथाकथित लोग भोले भाले लोगो को  साइबर अपराध के नाम पर ठगी करने के नए नए तरीके इजाद कर फ्रॉड कर लोगो को झूठे मेसेज,नकली लिंक,तथाकथित ओटीपी मांगने और कॉल कर नकली डिजिटल अरेस्टिंग की धमकी देकर ठगने की बड़ी  धोखाधड़ी की जा रही है जिनसे करोड़ों रुपए की ठगी प्रतिवर्ष हो रही है।ये नए तरह का साइबर अपराध है जिसमे वीडियो एवम ऑडियो कॉल करते है।
  हमारी देश की सरकार भी चिंता कर रही है इस विषय में प्रधानमंत्री ने भी "मन की बात "में   सावधान रहने एवम ठगों से बचने के मंत्र दिए है ।         आज के इस नई तकनीकी के जमाने में आम और खास उपभोक्ता को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की महती आवश्यकता है ।
      हमे अनजान नंबर से आए कॉल से स्वयं को पुलिस,सीबीआई,ईडी, सी आई एस एफ,आर बी आई या ट्राई ,आदि किसी भी शासकीय  विभाग या  एजेंसियों का  नाम बताकर घमका कर ये कहना कि आपके द्वारा,आपके बेटे द्वारा या आपने अपने दस्तावेजो के माध्यम से गंभीर अपराध किया है,आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता है आपको जेल जाना पड़ेगा  और आपको बचाने के नाम पर कुछ भी कहे अनुसार राशि भेजने या देने या अन्य आदेशों का पालने करने जैसा मजबूर किया जाता है तो आप उनकी बातो में कतई ना आवे और ना घबराएं क्योंकि शासन की किसी एजेंसी या पुलिस द्वारा इसी कोई कार्यवाही आनलाइन नही की जाती है । 
 आप जागरूक होकर दो मिनट रुके, डरे नहीं,और सोच कर कार्यवाही करे,ऐसे कॉल या व्यक्ति का कोई भरोसा ना करे और ना डरे,आप अपने बैंक खाते ,आधार कार्ड,ओटीपी या अन्य कोई भी जानकारी साझा ना करे और ना ही कोई धनराशि ट्रांसफर करे, उनके  दिए जा रहे किसी भी निर्देश का पालन नही करना है।बल्कि इनका नंबर स्क्रीन शॉट ले  और बातो को रिकार्डिंग करे और पुलिस को सूचना दे, जिससे आपके साथ होने वाली ठगी से बचा जा सकता है। सूचना देने के लिए स्थानीय पुलिस या राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 एवम मोवा न0 7049124445  तथा *cybercrime.gov.in* पर तत्काल सूचना देकर सुरक्षित और जागरूक नागरिक का दायित्व निभाए।
    ऐसी झूठी कार्यवाही ठगों द्वारा असली बता कर   पुलिस वर्दी में फोटो लगा कर नकली कार्यवाही की जाती है, ऐसे अनेक गिरोह को जागरूक लोगो की सहायता से पुलिस  ने हिरासत में लेकर जेल भेजे है । मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा भी साइबर क्राइम से बचाने के लिए साइबर प्रभारी वरुण कपूर  स्पेसल डीजी और  साइबर क्राइम  स्पेसलिस्ट राजेश दंडोतिया  आदि पुलिस अधिकारियों  ने विशेष अभियान चला कर  मध्य प्रदेश में   आम नागरिकों, व्यापारी, बैंक उपभोक्ता,पेंसनर,छात्र और छात्राओं को  निरंतर सजग और जागरूक किया जा रहा है। आप भी सावधान रहिए और सजगता का परिचय देकर  इसे फ्राड लोगो के विरुद्ध पुलिस को सूचना दें।

सजगता के अभाव मे बड़ रहे है साइबर अपराध
भारत में निरंतर  अधिक तेजी से बड़ रहे है साइबर अपराध जिनसे आम लोगो ठगी का शिकार हो रहे है  उपभोक्ता भी फ्राड लोगो के झांसे में सजगता के अभाव में आजाते है।एन.सी. आर. बी. के डेटा पर ध्यान दे तो 2017 में साईवर अपराध 3466केस,2020 में 10395,2021 में 14007 और 2022 में 17410 दर्ज हुए परंतु 2023 में 11.28 लाख केस दर्ज हुए जिनमे लगभग 5 हजार करोड़ का फ्रांड अपने आप में चिंता का विषय है ।
( लेखक उपभोक्ता आयोग के वरिष्ट सदस्य है )

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