बायोमेडिकल एप्लिकेशन्स के लिए अगली पीढ़ी के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकियों पर कार्यशाला आयोजित

ग्वालियर: इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग एबीवी-IIITM ग्वालियर ने संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस एन सिंह की अध्यक्षता एवं उनके दूरदर्शी नेतृत्व में बायोमेडिकल अनुप्रयोगों के लिए अगली पीढ़ी के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकियों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में बायोमेडिकल एप्लिकेशन्स के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकियों की अगली पीढ़ी पर केंद्रित चर्चा की गई। इसमें आईआईटी जोधपुर, शोध और विकास प्रयोगशालाओं, और उद्योग के कई प्रमुख व्यक्तित्वों को आमंत्रित किया गया था जो हेल्थकेयर के क्षेत्र में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकियों में फ्रंटलाइन क्षेत्रों में व्याख्यान देने के लिए आए। उनमें से डॉ. मनमोहन परिदा, डायरेक्टर, डीआरडीई, डीआरडीओ ग्वालियर, प्रोफेसर एसआर वेदरा, उपनिदेशक, आईआईटी जोधपुर, डॉ. एन के जैन, पूर्व निदेशक, डिफेंस प्रयोगशाला जोधपुर, डीआरडीओ, श्री रीपन टिकू, सीईओ, पोवाई लैब आईआईटी बॉम्बे, डॉ. वरुण बजाज, सहायक प्रोफेसर, मैनिट भोपाल, श्री हेमंत शुक्ला, परियोजना निदेशक, सीएफईईएस, डीआरडीओ दिल्ली, श्री स्वस्तिक गुप्ता, आर्किटेक्चरल डिज़ाइनर, इंडस्ट्रियल आईओटी, ग्रोक डिजिटल, और अन्य प्रमुख प्रतिष्ठित शिक्षाविद शामिल थे। 
कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के छात्रों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ उद्घाटन सत्र के साथ हुआ और उसके बाद 9 तकनीकी सत्र हुए और पैनल चर्चा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। 
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एस एन सिंह निदेशक, एबीवी-IIITM ग्वालियर ने की। युवा नवोन्वेषी प्रतिभागियों को समर्पित करते हुए निदेशक महोदय प्रो. एस एन सिंह ने भारत में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकियों के निर्माण में प्रौद्योगिकीविदों की भूमिका और बायोमेडिकल एप्लिकेशन में इंजीनियरिंग ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भावी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान के लिए प्रतिभागियों द्वारा उत्पन्न नवाचारी विचारों के एक प्रभावशील परिणाम को उल्लेखनीय बताया।
उद्घाटन सत्र में स्वागत भाषण एबीवी-आईआईआईटीएम के सहायक प्रोफेसर डॉ. गौरव शर्मा ने दिया। इसके पश्चात इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की हैड ऑफ द डिपार्टमेंट प्रोफेसर मनीषा पट्टनायक, द्वारा उद्बोधन दिया गया। 
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. परिदा ने स्वास्थ्य सेवा में संचार और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की भूमिका पर जोर दिया। तकनीकी सत्रों में एआई एक्सेलेरेटर की भूमिका, नैनो टेक्नोलॉजी, रक्षा अनुप्रयोग, माइक्रोग्रिड, ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफ़ेस, अगली पीढ़ी की संचार तकनीक और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में एआई के महत्व पर प्रख्यात वक्ताओं ने चर्चा की। कार्यशाला के प्रभावशाली परिणामों में से एक भविष्य की प्रौद्योगिकियों में आगे के शोध के लिए प्रतिभागियों द्वारा उत्पन्न नवीन विचार थे। उक्त जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमति दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।

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