क्वालिटी सर्किल की राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न, प्रतिभागी पुरूस्कृत
ग्वालियर। एबीवीआईआई आईटीएम में टी क्यूएम विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागियों ने नौ हाल में ७२ प्रस्तुतियों के माध्यम से कार्यस्थल पर किए गए सुधारों को प्रस्तुत किया।
निर्णायकों को डीके श्रीवास्तव, अध्यक्ष क्यू सीएफआई अविनाश मिश्रा एवं एके मित्तल ने सम्मानित किया। निर्णायकों में नरेंद्र कुमार शर्मा, टीएन श्रीवास्तव, जयराम मिश्रा, प्रदीप त्रिपाठी, संदीप खेड़कर, अजय शर्मा, श्रीमती रेखा तिवारी, श्रीमती जयति मुखर्जी, तरुण गुलाटी शामिल थे। इसके बाद प्रस्तुतियों के परिणाम घोषित किए गए। ३९ टीम्स ने पार एक्सीलेंट अवार्ड जीता, जबकि ३० टीम्स ने एक्सीलेंट अवार्ड जीता। इस अवसर पर अविनाश मिश्रा ने कहा की यह अधिवेशन एक नई शुरुआत की दस्तक है जिसकी गूंज दूर तक जाएगी।
इस कन्वेंशन में जेके टायर की दो टीम, गोदरेज कंज्यूमर से आठ टीम ने हिंदुस्तान जिंक एवं वेदांता से बारह, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से चैदह टीम, भारत एल्यूमीनियम से ग्यारह, ग्वालियर ग्लोरी स्कूल से एक, मोंडलेज इंडिया से तीन, सूर्य रोशनी से एक, भारतीय विद्या निकेतन से दो, जेएसडब्लू से दो, सिंधिया कन्या विद्यालय से एक, सिरपुर पेपर से एक, टोरेंट पावर से एक टीम एवं अन्य संस्थानों से टीम्स ने भागीदारी की। सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि हम भारतीय अर्थों में सुधार प्रक्रिया के विभिन्न मॉडल्स को आत्मसात कर रहे है।
निदेशक आईआईआईटीएम एसएन सिंह ने विस्तार से २६ साल पहले स्थापित इस संस्थान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यकारी निदेशक डी के श्रीवास्तव ने बताया कि इस अधिवेशन में भागीदारी करने वाली सभी टीम्स राष्ट्रीय अधिवेशन में भागीदारी कर सकेगी। अविनाश उपाध्याय ने मूल्य आधारित कार्य पद्धति पर जोर दिया। इस मौके पर सूर्या रोशनी के तपन भट्टाचार्य को लीडरशिप अवार्ड, मैक्सीमम भागीदारी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की सुश्री महिमा, बेस्ट टी क्यूएम आर्गेनाइजेशन, वेदांता झारसीगुड़ा को अतिथियों ने मंच पर सम्मानित किया। अंत में शैली भट्टाचार्य और अनुपमा टंडन को संयोजन के लिए सम्मानित किया गया। सूर्या रोशनी के तपन भट्टाचार्य ने टी क्यूएम यात्रा के अनुभवों को लोगों को साथ बांटा। धन्यवाद ग्वालियर चैप्टर के सचिव थॉमस मैथ्यू ने किया।