sandhyadesh

ABV-IIITM ग्वालियर , निदेशक सिंह ने की 2022 से अभी तक के विकास कार्य की समीक्षा

*ग्वालियर:* अटल बिहारी वाजपेयी - भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर में विगत दो वर्षों में हुए कार्यों तथा आगामी एक्शन प्लान पर निदेशक प्रो. एस एन सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई। इस बैठक का संचालन प्रेसिडेंट ओफिसर्स वेल्फ़यर क्लब प्रो. मनीषा पटनायक द्वारा किया गया। संस्थान के लिए भविष्य की कार्य योजनाओं के साथ चुनौतियों और सुझावों पर ओपन हाउस चर्चा हुई जिसमे संस्थान के संकाय तथा असंकाय सदस्य शामिल हुए और उन्होने अपने सुझाव एवं प्रस्ताव रखे। संस्थान के द्वारा विगत दो वर्षों में किए गए कार्यों की भी समीक्षा हुई। लगातार हुई तरक्की से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह संस्थान आज ग्वालियर तथा प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के शीर्ष संस्थानो में शामिल हो चुका है। संस्थान के निदेशक प्रो. एस एन सिंह के दो वर्षों के कार्यकाल में उनके मार्गदर्शन में अनेकों उपलब्धियों ने इस संस्थान का नाम ऊंचा कर प्रदेश में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश में भी ख्याति प्राप्त कि है। संस्थान को ऊंचाइयों तक पाहुचाने में निदेशक प्रो. सिंह के द्वारा बताए गए लॉन्ग टर्म विज़न को साकार करने हेतु संस्थान के संकाय, असंकाय सदस्यों एवं छात्रों के अथक प्रयासों एवं सहयोग से ही यह सब संभव हो पाया है। 
प्रो. सिंह ने बताया कि उन्होने 2022 अप्रैल में एबीवी- ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर में निदेशक के पद को संभाला था एवं उसके बाद निरंतर संस्थान कि प्रगति के कार्यों को दृष्टिगत रख कार्यों की रूपरेखा बनाकर संस्थान में कई मेजर बदलाव किए हैं जिससे आज संस्थान हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। 
प्रो. सिंह के दो वर्षों के कार्यकाल में निम्नलिखित कार्यों का क्रियानवन किया गया जिसमें प्रमुखतः (1) बैक-लॉग छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन अवधि (2 महीने का शिक्षण) शुरू किया गया। (2) दीक्षांत समारोह में डॉक्टर ऑफ साइंस (मानद) की डिग्री प्रदाय की गयी। (3) विभिन्न श्रेणियों में नए पुरस्कार शुरू किए गए: - एबीवी उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार (एओटीए) - एबीवी यंग आउटस्टैंडिंग टीचर अवार्ड (AYOTA) - एबीवी- अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार (क्षेत्र) (4) हर साल अटल इनोवेशन और रिसर्च कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। (5) पांच नए विभाग शुरू (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग विज्ञान, ईईई, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन अध्ययन) जिनमें विभागीय पत्रक भी बनाये गये। (6) हर वर्ष 16 जनवरी को "पूर्व छात्र सम्मेलन" और 17 जनवरी को “स्थापना दिवस” के रूप में निर्धारित किया जाकर मनाया जाता है। (7) संस्थान को भारत की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका में रैंकिंग प्राप्त हुई है तथा एनआईआरएफ में अच्छी रैंकिंग मिली है। (8) मीडिया (प्रिंट एवं टीवी) एवं अन्य को जोड़ने हेतु संस्थान मीडिया प्रभारी पद स्थापित किया गया। (9) आईईईई पीईएस इंडिया चैप्टर और आईईईई यूपी की मेजबानी की तथा अनुभाग एक्सकॉम बैठक और सम्मेलन हुए। (10) विभिन्न संस्थान प्रकोष्ठों और समितियों में छात्र प्रतिनिधि की सक्रिय भागीदारी इंट्रड्यूस की गयी। (11) छह डीन पद और 8 एसोसिएट डीन पद सृजित हुए। (12) विभिन्न भारतीय/विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये (13) अंतर्राष्ट्रीय प्रायोजित शोध/परामर्शी परियोजनाएँ एवं अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं आरंभ हुईं। (14) विदेशी विश्वविद्यालय/अनुसंधान संगठनों के साथ संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। 
(15) विभिन्न अन्य शैक्षणिक सुधार जैसे कि - प्रथम वर्ष के परिणामों की योग्यता के आधार पर, छात्र शाखा परिवर्तन के लिए पात्र हैं, - सीजीपीए के बजाय क्रेडिट आधारित पासिंग, - 4 साल या 5 साल के बाद बीटेक (आईटी) डिग्री के साथ एक्ज़िट प्रोग्राम, - नियमित पीएचडी के साथ साथ अंशकालिक पीएचडी का संचालन, - एमटेक को पीएचडी में परिवर्तित करना, - अंतरराष्ट्रीय मंच पर छात्रों का प्रतिनिधित्व, - पेपर प्रस्तुत करने के लिए सभी यूजी/पीजी छात्रों को यात्रा सहायता, - दो-खंड शिक्षण और विश्वविद्यालय शैक्षणिक सुधार समिति, - 2 नए बीटेक प्रोग्राम की शुरुआत, - यूजी/आईपीजी, एमबीए के लिए अध्यादेश। एमटेक तैयार कर क्रियान्वित किया गया। 
(16) एनईपी 2020 के अनुसार नए पाठ्यक्रम का पूर्ण कार्यान्वयन किया गया। (17) 5 साल के लंबे अंतराल के बाद 9 महीने में दो दीक्षांत समारोह (तीसरा और चौथा)। (चौथे दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल और विमानन मंत्री उपस्थित थे।) 
(18) इनफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट के तहत निम्न कार्यों का सक्सेसफुल एग्ज़ीक्यूशन किया गया जैसे कि – संस्थान में दो अलग अलग कम्पुसेस पॉकेट ए और बी को जोड़ने के लिए अंडरपास का निर्माण किया गया, - लड़कों के लिए 500 क्षमता के बेड वाले हॉस्टल के निर्माण, - मिनी स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत, - 5 वर्षों के बाद आगंतुक छात्रावास, एलटी-द्वितीय, संवहन केंद्र का संचालन, - पॉकेट बी की बाउंड्री वाल का निर्माण, - विद्यार्थियों के लिए सतपुड़ा छात्रावास का निर्माण। इसके अतिरिक्त (19) कई संकाय और स्टाफ का चयन, (20) परियोजना प्रायोजित पीएचडी कार्यक्रमों की शुरूआत. अंशकालिक पीएचडी छात्रों के लिए पूर्ण एमओओसी पाठ्यक्रमों का विकल्प और नियमित पीएचडी छात्रों के लिए कुछ विकल्प पेश किए गए, (21) सीनेट लाइब्रेरी समिति के सदस्यों एवं अध्यक्ष का गठन हुआ, (22) शीतकालीन एमटेक प्रवेश प्रारम्भ, (23) संस्थान के कल्चरल और स्पोर्ट्स फेस्ट अरोरा और ऊर्जा कार्यक्रम फिर से शुरू हो गए हैं। (24) सामाजिक गतिविधियाँ के अंतर्गत : - सेवानिवृत्ति तिथि पर विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लिए विदाई समारोह का शुभारंभ, - सामाजिक गतिविधियों में प्रेसिडेंट वंदना सिंह के मार्गदर्शन में संचालित महिला क्लब की सोश्ल एक्टिविटीज़ में सक्रिय भागीदारी।
24 माह के कार्यकाल में 24 सूत्री कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वन किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं। इसी प्रकार निरंतर प्रयासों से संस्थान जल्द ही देश के अग्रणी संस्थानों की श्रेणी में पहुंचेगा। इतने कम समय में संस्थान द्वारा अर्जित इन सब उपलब्धियों का श्रेय संस्थान के निदेशक प्रो. एस एन सिंह की दूरद्रष्टिता एवं उनके विज़न को अंजाम तक पहुंचाने वाले प्रत्येक कर्मठ कर्मचारी को जाता है। प्रो. सिंह ने बताया कि हम संस्थान को शीर्ष पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध एवं संकल्पित है एवं संस्थान की प्रगति को ध्यान में रखते हुए संस्थान को और भी ऊपर ले जाने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे, आगामी वर्षों का एक्शन प्लान भी बनकर तैयार है जो कि संस्थान को एक नयी दिशा एवं दशा देगा। उक्त जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।

posted by Admin
135

Advertisement

sandhyadesh
sandhyadesh
sandhyadesh
Get In Touch

Padav, Dafrin Sarai, Gwalior (M.P.)

00000-00000

sandhyadesh@gmail.com

Follow Us

© Sandhyadesh. All Rights Reserved. Developed by Ankit Singhal

!-- Google Analytics snippet added by Site Kit -->