लिखित अनुमति के बिना निजी सम्पत्ति को विरूपित करना संज्ञेय अपराधः जिला दण्डाधिकारी

ग्वालियर । लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान निजी अर्थात अशासकीय परिसम्पत्ति को भी भवन स्वामी की अनुमति के बिना स्याही, खड़िया रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके विरूपित करना संज्ञेय एवं दण्डनीय अपराध होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले लोकसभा निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने आदेश में स्पष्ट किया है कि  निजी सम्पत्ति पर भी भवन स्वामी की अनुमति के बगैर कुछ लिखा जाता है या झण्डे बैनर इत्यादि लगाए जाते हैं तो ऐसा करने वाले के खिलाफ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम  के तहत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। 
जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती चौहान द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि जो कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल या उम्मीदवार शासकीय भवन या कोई भी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सम्पत्ति का विरूपण करेगा तो उसके खिलाफ एक हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। सम्पत्ति के अन्तर्गत भवन, झोंपड़ी, संरचना, दीवार, वृक्ष, खम्बा (पोस्ट) स्तम्भ या कोई अन्य परिनिर्माण शामिल होगा। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भवन स्वामी की लिखित सहमति के बाद झण्डे, पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन व फ्लैक्स बोर्ड लगा सकेंगे। पर नगर निगम द्वारा एनओसी जारी करने के लिये ली गई राशि की रसीद, भवन स्वामी द्वारा लिए जाने वाले किराए की रसीद तथा बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड व लिखावट इत्यादि पर किए गए खर्च की रसीद इत्यादि सहित इस पर हुए खर्च का सम्पूर्ण ब्यौरा निर्धारित प्रोफार्मा में संबंधित प्रत्याशी को तीन दिन के भीतर रिटर्निंग ऑफीसर के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि झण्डे, बैनर, पोस्टर, फ्लैस बोर्ड पर कोई ऐसी लिखावट अथवा चित्र प्रदर्शित नहीं होना चाहिए जिससे विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होता हो और शांति भंग होने की संभावना हो। 
शासकीय सम्पत्ति को मूलरूप में लाने के लिये दल गठित 
जिले की सीमा के अंतर्गत पूर्व में विरूपित शासकीय सम्पत्ति को पुनः मूल स्वरूप में लाने के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दल गठित किए गए हैं। नगर निगम ग्वालियर एवं राजस्व अनुविभाग ग्वालियर व डबरा के लिये क्षेत्रीय अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक, बीएसएनएल के एसडीओ, विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री, नगर निगम व नगर पालिका के क्षेत्रीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री व जनपद पंचायत के सीईओ को इस दल में शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति पंचायत सचिव द्वारा मूलभूत योजना की राशि से की जा सकेगी। भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विरूपण निवारण का मूल दायित्व संबंधित थाना प्रभारी, पटवारी व पंचायत सचिव का होगा। 

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर राजनैतिक विज्ञापन देने से पूर्व प्रमाणीकरण जरूरी
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया टी.वी. चैनल्स, केबल नेटवर्क एवं रेडियो चैनल पर राजनैतिक विज्ञापन देने के पूर्व अनिवार्य रूप से प्रमाणीकरण कराए जाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने इन निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए लिखित आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राजनैतिक दलों व चुनाव लड़ने वाले अभ्यिर्थियों विज्ञापनों का प्रमाणीकरण कराने के लिये निर्धारित प्रपत्र में प्रचार-प्रसार सामग्री की सॉफ्ट कॉपी मेन स्क्रिप्ट के साथ तीन दिन पहले प्रस्तुत करनी होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने आदेश में साफ किया है कि आयोग के इस निर्देश का उल्लंघन होने पर संबंधित राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार के खिलाफ कार्रवाई होगी। 
राजनैतिक विज्ञापनों के संवीक्षा व प्रसारण का प्रमाणीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने के लिये जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन किया गया है। एमसीएमसी का मीडिया अनुवीक्षण कक्ष एजी ऑफिस पुल के समीप और रंगमहल गार्डन के सामने स्थित कुसुम विला में संचालित शासकीय संभागीय जनसंपर्क कार्यालय में स्थापित किया गया है। यहाँ से आवश्यक प्रपत्र प्राप्त कर सॉफ्ट कॉपी के साथ प्रमाणीकरण के लिये आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। निर्धारित प्रपत्र में प्राप्त विज्ञापन की विषयवस्तु एवं मेन स्क्रिप्ट का भलीभाँति परीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इसके प्रसारण से किसी भी व्यक्ति, धर्म, संप्रदाय, जाति या वर्ग विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषा का उपयोग तो नहीं किया गया है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि विज्ञापन के प्रसारण से आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। विज्ञापन की विषयवस्तु व स्क्रिप्ट सही पाए जाने पर निर्धारित प्रपत्र-ब में प्रमाणीकरण जारी किया जायेगा। 

निर्वाचन प्रक्रिया कराने रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त 
जिले में लोकसभा आम निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिये रिटर्निंग ऑफीसर व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के नामों के प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमोदित कर दिए गए हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी का दायित्व निभायेंगीं। ज्ञात हो ग्वालियर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में ग्वालियर जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार व डबरा तथा शिवपुरी जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र करैरा व पोहरी शामिल हैं। 
लोकसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के सहायक रिटर्निंग अधिकारी की जिम्मेदारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी (मोबा. 94254-90269) निभायेंगे। इसी तरह विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी ग्वालियर शहर अतुल सिंह (मोबा. 94251-10117), विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी झाँसी रोड़ विनोद सिंह (मोबा. 94253-38594), विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर दक्षिण के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी लश्कर नरेन्द्र बाबू यादव (मोबा. 89594-02485), विधानसभा क्षेत्र भितरवार के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी भितरवार देवकीनंदन सिंह (मोबा. 94250-67806) एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र डबरा (अजा) के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी डबरा दिव्यांशु चौधरी (मोबा. 94304-57781) को सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया है। 
 
 

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