बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं से घर-घर जाकर वोट डलवाने के लिये दिया प्रशिक्षण
ग्वालियर । घर पर वोट डलवाने के दौरान घोषणा पत्र भरवाने में बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं की मदद करें। साथ ही घोषणा को सत्यापित करते समय हस्ताक्षर के साथ अपना नाम, पदनाम एवं कार्यालय का नाम स्पष्ट रूप से लिखें, जिससे डाक मत पत्र निरस्त न हों। यह निर्देश अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार ने जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में डाक मतपत्र डलवाने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण के दौरान दिए।
प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकारियों व कर्मचारियों को बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं से उनके घर पर ही वोट डलवाने की प्रक्रिया विस्तार से समझाई गई। डाक मतपत्र व ईडीसी के प्रभारी अधिकारी अशोक चैहान एवं प्रदेश स्तरीय मास्टर ट्रेनर एसबी ओझा ने कहा कि आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अक्षरशरू पालन कर घर-घर जाकर बुजुर्गों व दिव्यांगों के वोट डलवाएँ। मतों की गोपनीयता का पालन कराने में जरा सी भी ढ़िलाई न हो। उन्होंने बताया कि एसेंसियल सर्विस में शामिल विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत मीडिया प्रतिनिधियों को भी डाक मत पत्र की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये इन्हें फॉर्म-12 भरना होगा। उल्लेखनीय है कि जिले में 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कुल 7 हजार 249 मतदाता हैं। जिनमें 2 हजार 942 पुरूष, 4 हजार 305 महिला व 2 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। जिले में 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं की संख्या 12 हजार 4 है। जिसमें 7 हजार 65 पुरूष दिव्यांग व 4 हजार 939 महिला दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी की सीईओ एवं कम्युनिकेशन प्लान की नोडल अधिकारी श्रीमती नीतू माथुर भी मौजूद रहीं। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एसबी ओझा द्वारा यह प्रशिक्षण दिया गया।
ईडीसी का प्रशिक्षण भी दिया
मतदान दलों में शामिल शासकीय सेवकों सहित चुनाव से संबंधित अन्य कार्य में संलग्न शासकीय सेवक लोकसभा चुनाव में ईडीसी (इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट) के माध्यम से अपना वोट डाल सकेंगे। ईडीसी प्राप्त करने के लिये उन्हें फॉर्म-12ए भरना होगा। बुधवार को गालव सभागार में ईडीसी के संबंध में भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।
कम्युनिकेशन प्लान के संबंध में भी दिया गया प्रशिक्षण
इस दौरान कम्युनिकेशन प्लान से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान निर्देश दिए गए कि कम्युनिकेशन प्लान के संबंध में हर मतदान केन्द्र क्षेत्र के टेलीफोन नम्बर का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की कम्युनिकेशन प्लान में ड्यूटी लगाई गई है, वे अभी से इन फोन नम्बर पर कॉल कर नम्बर का सत्यापन करें। साथ ही यह भी पता लगाएँ कि मतदान केन्द्र पर पेयजल, शौचालय व मतदाताओं के लिये छाया की कैसी व्यवस्था है।