श्रम विभाग जिस उद्देश्य के लिए है, वह अपने उस उद्देश्य को पूर्ण करे और कोई हिडन एजेण्डा न चलाये: चेम्बर ऑफ कॉमर्स
ग्वालियर| श्रम विभाग के नए कानून कोड एवं श्रम विभाग द्बारा की जा रही कार्यवाही से उत्पन्न चुनौतियों और परेशानियों के समाधान हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन ‘चेम्बर भवन’ में किया गया है| बैठक में विशेषज्ञ के रूप में सी.ए. श्रीमती नीतू गुप्ता एवं श्रम विभाग के कानूनी सलाहकार श्री ब्रह्मा अग्रवाल उपस्थित रहे|
चेम्बर अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि श्रम विभाग इसलिए बनाया गया है कि वह श्रमिकों के हितों का संरक्षण करते हुए व्यापारियों को अनावश्यक परेशान भी न करे| इसके साथ ही कोई बाल श्रमिक तो कार्य नहीं कर रहा है, यह देखने का कार्य भी श्रम विभाग का है| यदि श्रम विभाग अपने इस कार्य को करता है तो किसी व्यापारी/उद्योगपति को इस बात से कोई परेशानी नहीं है लेकिन कई बार देखने में आता है कि श्रम विभाग के अधिकारी/इंस्पेक्टर अपने कार्य के इतर अपने हिडन एजेण्डे पर काम करने लगते हैं और जब-जब ऐसा होता है, तब म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री को आगे आना पड़ता है क्योंकि हमारी स्थापना ही इसी उद्देश्य को लेकर हुई थी कि वह व्यापारी/उद्योगपति की परेशानी को दूर करे ताकि व्यापारी एवं उद्योगपति अपना पूरा ध्यान अपने उद्यम को चलाने में लगाये| हाल ही में श्रम विभाग द्बारा अनावश्यक कार्यवाहियां देखने को मिली हैं, हम आज नये लेबर कोड को समझेंगे और उसके बाद श्रम विभाग के आला अधिकारियों को भी बुलायेंगे तथा उन्हें आगाह करेंगे कि श्रम विभाग जिस उद्देश्य के लिए है, वह अपने उद्देश्य को पूर्ण करें और कोई हिडन एजेण्डा न चलायें और अगर इसके बाद भी ऐसा कोई प्रयास किया गया तो चेम्बर ऑफ कॉमर्स मजबूती से उसके सामने खड़ा होगा|
श्रम विभाग के कानूनी सलाहकार श्री ब्रह्मा अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्बारा नये लेबर कोड बनाये गये हैं| कुछ राज्यों में इसके नियम बनाये गये हैं, वहां यह लागू हो गये हैं लेकिन कुछ राज्य जिसमें हमारा मध्यप्रदेश भी शामिल है वहां नियम नहीं बनने से यह अभी लागू नहीं हुए हैं| नये एक्ट में श्रम विभाग के इंस्पेक्टर अब सलाहकार कह लायेंगे यानि पहले उनको आपको नियम समझाने होंगे| वह किसी व्यापारी सीधे केस नहीं बना सकते हैं और अनावश्यक परेशान नहीं कर सकते हैं, यदि वह करते हैं तो उनकी उच्च अधिकारियों को शिकायत की जा सकती है| फिर भी यदि वह कोई पूछताछ करते हैं तो उनसे लिखित में नोटिस देने के लिए कहें ताकि उनका लिखित में जवाब दिया जा सके| वह चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं श्रम कानून विशेषज्ञ-श्रीमती नीतू गुप्ता ने बताया कि अभी वर्तमान कानूनों के लिए सरकार ने पीएफ के लिए एमनेस्टी स्कीम लागू की है यदि आपके योग्य कर्मचारी पीएफ का लाभ लेने से रहे गये हैं तो 01 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 तक के कर्मचारियों को घोषित कर सकते हैं| आपको इसमें कर्मचारी का अंशदान नहीं देना है केवल एम्प्लायर का अंशदान एवं ब्याज देना है| अभी सरकार इसमें केवल 300 रूपये पेनाल्टी ले रही है| ईएसआईसी में भी एमनेस्टी स्कीम 30 सितम्बर 2026 के लिए है| इसमें आपका कोई भी डिस्प्यूट हो तो इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं|
श्रीमती नीतू गुप्ता ने बताय कि केन्द्र सरकार द्बारा ब्रिटिश राज में बनाये गये 44 कानूनों को समाप्त कर, 4 नये लेबर कोड बनाये गये हैं| 1. कोड ऑन वेजेज एक्ट-इसमें हमारी मिनिमम वेजेज, बोनस आदि को कवर किया गया है| 2. कोड ऑफ सोशल सिक्योरिटी-इसमें पीएफ, ईएसआई, ग्रेच्यूटी, बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन आदि को कवर किया गया है| 3. इण्डस्ट्रियल रिलेशन कोड-इसमें ट्रेड यूनियन आदि को कवर किया गया है| 4. ओएसएच कोड इसमें सेफ्टी हेल्थ, फैक्ट्री एक्ट, कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स को कवर किया गया है| कोड ऑफ वेजेज एक्ट में यूनिफार्म वेजेज का प्रावधान किया गया है| पहले पीपीएफ, ईएसआई एवं ग्रेच्युटी के लिए वेतन का निर्धारण अलग तरह से किया जाता था| अब यूनिफॉर्म वेजेज में बेसिक,डीए एवं रिटेनिंग एलाउंस को शामिल किया गया है| इस एक्ट के तहत आपको कर्मचारियों को माह की 7 तारीख तक सेलरी देना अनिवार्य किया गया है| आप सप्ताह में 48 घंटे ही वर्क करा सकेंगे| ओवरटाइम के लिए पूर्व की तरह डबल भुगतान करना होगा| ईएसआई अब 10 कर्मचारियों से नीचे भी वालेंटरी ली जा सकती है वहीं जोखिम वाले कारोबार में आपको 1 व्यक्ति पर भी ईएसआई अनिवार्य किया गया है| कर्मचारियों अपाइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य होगा| ठेके पर लगे कर्मचारियों को भी एक साल की सेवा होने पर ग्रेच्युटी अनिवार्य किया गया है| आपने इसी प्रकार विस्तार से नये लेबर कोड की जानकारी दी गई|
बैठक का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि आज की बैठक में सार्थक चर्चा हुई है| नये लेबर कोड से न केवल कर्मचारियों के हितों का संरक्षण होगा वहीं हमारे व्यापारी-उद्योगपतियों को अपने कारोबार के संचालन में आसानी होगी| बैठक में आभार कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया| बैठक में उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव एवं सदस्य मध्यप्रदेश श्रम सलाहकार परिषद-जगदीश मित्तल, कार्यकारिणी समिति सदस्य-सीए अशोक विजयवर्गीय, महेन्द्र साहू, अखिलेश गोयल, आशीष जैन, आशीष अग्रवाल, आशुतोष मिश्रा, अमित अग्रवाल, नंदकिशोर गोयल, भरत बंसल, अशोक कुमार अग्रवाल, रवि मित्तल, संजय गुप्ता सहित काफी संख्या में व्यापारी एवं उद्योगपति उपस्थित रहे|