भगवान को पाना है तो मन को निर्मल करना पड़ेगा:: संत समर तीर्थ जी महाराज


ग्वालियर   परमार्थ आश्रम एबी रोड पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा में कथा व्यास समर तीर्थ महाराज ने बताया कि अगर हमें भगवान को पाना है तो सबसे पहले हमको अपना मन निर्मल करना होगा मन से छल कपट ईर्ष्या का त्याग करना होगा जो बाहर से कऻटता है उसे मच्छर कहते हैं परंतु जो अंदर से कऻटता है उसे मत्सर कहते हैं जैसे मनुष्य दूसरे की उन्नति देखा है तो सोचता है इसका सम्मान क्यों हो रहा है और उसके  मन में ईर्ष्या हो जाती है अंदर से जलने लगता है जब मनुष्य भजन करता है तब उसके अंदर मां भक्ति का प्रादुर्भाव होता है और भक्ति मां भक्त के हृदय से छल कपट मोह मत्स्य ईर्ष्या को निकाल कर बाहर कर देती है और आपके हृदय को निर्मल बना देती है और उस भक्त के निर्मल  हृदय में आकर भगवान विराजमान हो जाते हैं एक छोटे से ध्रुव ने 5 वर्ष की अवस्था में ही भजन कर निर्मल मन से भगवान को पा लिया था कथा के विश्राम में मनीष कृष्ण शास्त्री ने बताया कल भगवान वामन का अवतार श्री राम अवतार एवं कथा के विश्राम में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा जिसमें सभी महिला मंडल को माखन मिश्री का भोग लगाना है 
 एवं पीले वस्त्र पहनकर आना है तत्पश्चात श्रीमद् भागवत पुराण कीआरती के साथ कथा को विश्राम दिया जाता है में लालकृष्ण शास्त्री राम अवतार गोदा सिंह एवं समस्त भक्तगन सम्मिलित हुए मीडिया प्रभारी राजू पंडित

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